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Machine Learning

Machin Learning

Machine Learning?

अगर मे आम भाषा मे बात करु तो जो CS Feild से नहीं है उसे भी समझ आजाये तो Machine Learning का सीधा मतलब है मशीनों या कंप्यूटर को सिखाना, जिससे वो इंसानो की तरह ही इंसानों से बात कर सकें और हमारी Instructions समझ सके। इसमें ऐसी प्रोग्रामिंग सेट की जाती है जिससे कंप्यूटर इंसानो की तरह ही जवाब दे सके या समझ सके जिससे हमारी Daily Task मे कुछ Help हो सके । Machine Learning AI (Artificial Intelligence) आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का ही एक हिस्सा या Application है जो System को अपने आप सीखने और अपने आप को उस हिसाब से बदलने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। यह Programmer द्वारा Coding किये बिना ही सिस्टम को अपने आप प्रोग्राम को पढ़ना सीखा सकती है।

मशीन लर्निंग Data Mining और Bayesian Predictive Modeling से संबंधित है। मशीन लर्निंग कुछ उदाहरणों(Testing Data) को लेकर उनके पैटर्न को समझता है और फिर उस पैटर्न का इस्तेमाल करके नए उदाहरणों के बारे में पहले से अनुमान लगाता है। इसमें हमारे द्वारा किसी मशीन या कंप्यूटर सिस्टम को अनुभव के आधार पर चीजों की जानकारी दी जाती है।

अगर परिभाषित रूप में समझें तो Machine Learning का मतलब ये है – मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म तथा आंकड़ों के मॉडल का एक वैज्ञानिक अध्ययन है जिसका इस्तेमाल किसी कंप्यूटर सिस्टम को स्पष्ट निर्देश दिए बिना किसी विशेष टास्क को करने के लिए होता है। इस प्रक्रिया में मशीन पैटर्न तथा इंटरफेस का इस्तेमाल होता है।


 

अब हम इस Fact को एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं. यदि आपको किसी Smart Phone (Android mobile) के कैमरे को समझाना है कि कैमरे में Capture होने वाली वस्तु एक Book है. आपके द्वारा अनेक Subjects की Books स्मार्टफोन के कैमरे के आगे पेश की जाती है. और ऐसा करने पर स्मार्टफोन का Algorithm समझ जाएगा कि इस बनावट, डिज़ाइन तथा आकार की वस्तु एक किताब होती है.


 

और भविष्य में यदि स्मार्टफोन के कैमरे के आगे किसी भी किताब को रखा जाता है. इस स्थति में स्मार्टफोन अपने अनुभव के आधार पर समझ जाएगा कि यह वस्तु एक किताब है. परन्तु इसके विपरीत यदि कैमरे के सामने किसी पेंसिल को रखा जाता है तो यहाँ स्मार्टफोन का Algorithm उस वस्तु का नाम या उसकी जानकारी प्राप्त करने में असमर्थ होगा. क्योंकि स्मार्टफोन ने कभी-भी पेंसिल के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं कि थी.


 

इसके अलावा मान लीजिये आपका कंप्यूटर सिस्टम आपके English Writing को समझता है तथा आप Computer के Algorithm को अनेक प्रकार के Fonts, Text Styling, Texts,Shape


 

आदि के बारे में जानकारी देते है. और आपका कंप्यूटर समय के साथ अब अनेक प्रकार के Font के बारे में जानकरी प्राप्त कर सकता है. जिससे आपका कंप्यूटर किसी भी प्रकार के English FOnts को जानने के लिए तैयार है. परन्तु यदि आप हिंदी भाषा के शब्दों को कंप्यूटर पर Type करते हैं तो कंप्यूटर हिंदी भाषा को नहीं समझ पायेगा. क्योंकि उसे हिंदी भाषा के बारे में जानकरी नहीं दी गई है.


 

मान लीजिये आप एक क्रिकेट खिलाड़ी हैं. यदि आपको कोई हॉकी खेलने को कहें तो क्या आप खेल पाएंगे?

क्योंकि आपको हॉकी खेलने का तरीका पता नही है. ठीक इसी तरह Machin Learning को समझ सकते हैं कि Machine Learning में एक Machine के Algorithm के आधार पर वह Machine केवल किसी विशेष वस्तु या Subject or Object को समझने का कार्य करती है. तथा उस वस्तु के बार-बार अभ्यास से वह मशीन अपने प्रदर्शन (परफॉर्मेंस) में सुधार कर उस विषय में expert बन जाती है.

मशीन लर्निंग का उपयोग Stock Market की भविष्यवाणियों से लेकर चिकित्सा सूत्रों के synthesis तक लगभग सभी प्रकार की समस्याओं को हल करने के लिए किया जा रहा है

Examples

Shopping Websites

आप अगर Online Shopping करते हैं तो आपने देखा होगा की आपके Search किए गए Product से Relatet Ads आपको हर जगह दिखाई देने लगती हैं मतलब जैसे आपने amazon पर कोई Product Search जैसे कोई घड़ी (watch) किया और कुछ देर बाद जब आप Facebook या Youtube खोलेंगे तो वहां भी आपको उसी Products से जुड़े advertisement दिखने लगते हैं तो यह सब Machine learning का ही कमाल है जिसमे Google आपकी हर गतिविधि(activity) का ध्यान रखता है और आपको उसी अनुरूप आपको विज्ञापन (advertise) दिखाता है।

E-mail Spam Filters

E-mail इस्तेमाल करते समय आपने देखा होगा कैसे सिर्फ हमारी जरुरत की mails ही
Inbox में आती हैं और अधिक्तर spam mails spam नाम से बने फोल्डर में चली जाती हैं
तो इसके पीछे भी machine learning इस्तेमाल हो रहा होता है जिसमे Machine learning के Model
द्वारा automatically किसी Email का content और Source Detect कर लिया जाता है और
कुछ गलत पाए जाने पर Email को Spam के Folder मे डाल देता है।

Uber

अगर आप Traveling के लिए Uber का इस्तेमाल करते हैं तो आपने देखा होगा किस तरह से Uber खुद Customer की location का पता लगा लेता है,real time में गाड़ी की actual location भी दिखती रहती है,Driver को सबसे छोटे और खुले रास्तों के बारे में भी पता चलता रहता है और साथ ही भारी मांग होने पर अपने charges में फेरबदल भी करता रहता है तो यह सब Machine learning से ही संभव हो पाता है।

Youtube



अगर आप youtube देखते हैं और हर बार अलग अलग कैटेगरी के वीडियो देख रहें हैं, जैसे – Comedy Video, News, Sports Video व Kids Videos इत्यादि, तो यूट्यूब खोलने पर आपको इन सभी कैटेगरी के वीडियो आपके सामने आएंगे। लेकिन अगर आपने अचानक से Youtube पर कोई Horror video देखना शुरू कर दिया और आप youtube पर एक या दो दिन तक लगातार horror video ही देखते हैं तो फिर यूट्यूब आपके सामने youtube खोलने पर Horror videos ही ज्यादा दिखाएगा, News, comedy या Music video नहीं दिखाएगा या कम दिखाएगा।



इसका सीधा मतलब है कि Youtube में मशीन लर्निंग प्रोग्राम सेट किया गया है। उसने अब इस चीज़ को समझ लिया है कि आपको अब News या Kids वीडियो में रुचि नहीं रही। आपकी रूचि अब ज्यादा horror video में है और आप हॉरर वीडियो ही देख रहे हैं तो अब वह आपको हॉरर वीडियो ही रिकमेंड कर करेगा। अब यह जान जाएगा कि आपको YouTube पर आपको कौन से वीडियो सुझाने चाहिए।

History

वर्ष 1940 में पहली बार मैन्युअली तैयार किये गए ENIAC नामक Computer का अविष्कार किया गया. उस समय Computer को इंसानी मशीन के रूप में जाना जाता था क्योंकि यह विभिन्न Mathematical calculations को आसानी से कर सकता था.

इसलिए ENIAC( Electronic Numerical Integrator and Computer) Computer को “Mathematical computer machine” भी कहा जाता था.

कंप्यूटर विशेषज्ञों को 1950 में पहली बार मनुष्य की तरह सोचने तथा सीखने वाले कंप्यूटर को तैयार करने का ख्याल आया. इसके प्रयास में 1950 मे पहला कंप्यूटर गेम विकसित किया गया जो विश्व चैंपियन व्यक्ति को हरा सकता था.

इस प्रोग्राम ने कंप्यूटर में गेम प्लेयर्स को कम समय में बेहतरीन एक्शन लेने में मदद की जिसके परिणामस्वरूप आज शक्तिशाली कंप्यूटर में शतरंज, लुडो आदि कई कम्प्युटर गेम्स हैं, जो अपनी मशीनी क्षमता से किसी भी इंसान को हराने की ताकत रखते हैं.

1990 के दशक में मशीन लर्निंग तकनीक प्रसिद्ध हो चुकी थी. अब मशीन लर्निंग को Data-Driven में तब्दील कर दिया. बड़े पैमाने पर डेटा उपलब्ध होने के कारण वैज्ञानिकों ने बुद्धिमान मशीन बनाने की ओर पहला कदम उठाया तथा. उस सिस्टम में बड़ी संख्या में डेटा उपलब्ध होने के कारण हम डेटा का विश्लेषण तथा चीजों को आसानी से सीख सकते थे. मशीन लर्निंग तकनीक का सबसे बड़ा उदाहरण Deep Blue Computer है जिसने विश्व चैंपियन “गैरी कास्पारोव” (शतरंज चैंपियन) को मात दी.

इस तरह हम कह सकते हैं कि 1990 का दशक मशीन लर्निंग के लिए सुनहरा युग था.

How to learn

तो, अब बात आती है कि Machine Learning कैसे सीख सकते हैं या Machine Learning सीखने के लिए कौन कौनसी Programming Language और Libresse होती हैं जिनकी मदत से हम Machine Learning सीख सकते हो।



R Language

R Language – मशीन लर्निंग सीखने के लिए R सबसे popular Programming language है। इसे आप Machine Learning के लिए आप R को चुन सकते हैं।

Python

Python – ML सीखने के लिए आप R Language के अलावा Python का इस्तेमाल कर सकते हैं। मशीन लर्निंग को सीखने के लिए एक open source की वजह से Python R से अधिक लोकप्रिय है। Python मे बहुत से Modules और Libraries है जिससे Machine Learning आसान हो जाती है और इसका Syntax इसको और Easy बना देता है उपयोग करना तो आप python को भी चुन सकते हैं।



Type Of Machine Learning





Machine learning algorithms को अक्सर कुछ category में बांटा जाता है. चलिए इसके विषय में और उनके types के बारे में जानते हैं.



Supervised

1.  Supervised learning algorithms: Supervised Learning Machine Learning(ML) के प्रकार मे से एक है, Supervised Learning एक ऐसी learning technic है जिसमें हम Machin को Supervised Data यानी Labelled Data से Train करते है फिर इस Training के बाद मशिन इस काबिल हो जाती है कि वह किसी अन्य Input के लिये सही Output का अनुमान लगा सके।

अब आप के दिमाग मे ये Question आया होगा की ये Labelled Data क्या है तो मे आपको बता दू की Labelled Data वो Data होता है जिसके सात उसकी कुछ Information tagged होती है ताकी Machine उस Data को पहचान पाए।

चलिये इसे एक उदाहरण से समझते है तो मान लिजिये आप के पास एक Bucket है जिसमे चार तरह के फल है सेब, केला, अंगुर ओर संतरा।

Supervised Learning

अब क्योकि Supervised Model को हमने पेहले हि इन फलो के बारे मे बता दिया है कि कोन सा फल किस रंग का ओर उसकी Shape क्या है तो वह आसानी से इन सभी को अलग अलग कर देगा। तो इसे हम Supervised Learning कहते है क्योकि हमने Model को पेहले हि Training Data से Train कर दिया था

तो इस प्रकार हम कह सकते है कि वह लर्निंग है जिसमे हम Model को Labelled या Training Data से Train करते है जो कि वास्तव मे Training Example Consist करके रखता है, फिर यह Model इस काबिल हो जाता है कि वह किसी भी तरह कि Problem या Situation को आसानी से Classify कर सकता है



Unsupervised

2.  Unsupervised machine learning algorithms: इन algorithms का तब इस्तमाल किया जाता है जब information जिसे Train किया जाये न ही classified हो और न ही labelled हो. Unsupervised learning ये study करती है की कैसे systems किसी function को infer कर सकें जिससे वो Unlabeled data से किसी Hidden Structure को Describe कर सकें. ये System किसी Right output को नहीं Describe करती है, लेकिन ये data को explore करती है और उनके Datasets से ये inference draw करती हैं की जिससे ये hidden structures को describe कर सकें unlabeled data की मदद से.



Semi-supervised

3.  Semi-supervised machine learning algorithms: ये algorithm दोनों supervised और unsupervised learning के बीच आता है. चूँकि ये दोनों labelled और unlabeled data का इस्तमाल करते हैं training के लिए – typically जो की होता है small amount of labelled data और a large amount of unlabeled data. वो systems जो की इस method का इस्तमाल करते हैं वो बड़ी ही आसानी से considerably learning accuracy को improve कर सकते हैं. Usually, semi-supervised learning को तब choose किया जाता है जब acquired labelled data को जरुरत होती है skilled और relevant resources की जिससे ये उन्हें train कर सके और उनसे learn भी कर सके. Otherwise, unlabeled data को acquire करने के लिए additional resources की जरुरत नहीं होती है.



Reinforcement

4.  Reinforcement machine learning algorithms: यह एक प्रकार का learning method है जो की उसके environment के साथ interact करता है actions produce कर और साथ ही errors और rewards को discover भी करता है. Trial and error search और delayed reward ये सभी most relevant characteristics हैं reinforcement learning के. यह method machines और software agents को allow करता है automatically किसी भी ideal behaviour को determine करने के लिए जो की किसी specific context के भीतर हो और जिससे ये उनकी performance को maximize कर सके. Simple reward feedback बहुत ही जरुरत होती है किसी भी agent के लिए जिससे ये learn कर सके की कोनसी action best है; इसी को reinforcement signal भी कहा जाता है.

Machine learning से massive quantities of data को analyze किया जा सकता है. जहाँ से generally faster deliver करता है, ज्यादा accurate results जिससे ये पता लगाया जा सकता है की कहाँ पर profitable opportunities है या dangerous risks हैं, साथ में इसमें additional time और resources भी लग सकता है जिससे इन्हें सभी रूप से properly train किया जा सके. एक बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है की अगर हम machine learning को AI और cognitive technologies के साथ combine कर दें तब इससे ज्यादा effective तरीके से large volumes of information को process किया जा सकता है.





Difference Between Artificial Intelligence And Machine learning

       ARTIFICIAL INTELLIGENCE               MACHINE LEARNING
AI का full form होता है Artificial intelligence जहाँ पर intelligence को define किया जाता है एक ऐसी ability जहाँ पर knowledge को acquire और apply किया जाता है ML का Full form होता है Machine Learning जिसे define किया जाता है एक प्रकार का feature जिससे experience से knowledge और skill को acquire किया जाता है.
इसका aim होता है success के chance को बढ़ाना न की उसकी accuracy को वहीँ इसका aim होता है accuracy को increase करने का और ये success को ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं
ये computer program के जैसे काम करते हैं जो की smart work करता हो वहीँ ये एक simple concept machine होती है जो की data ग्रहण करती हैं और उसी से learn करती हैं
इसका main goal है natural intelligence को simulate करना जिससे ये complex problem solve कर सके इसका main goal है किसी certain task से data learn करना जिससे ये machine के performance को maximize कर सके उसी specific task के लिए
AI खुद ही decision making होता है ML allows करता है system को जिससे वो data से नयी चीज़ें learn कर सके
ये एक ऐसा system develop करता है जो की इंसानों को mimic कर सके जिससे ये किसी circumstances में ठीक तरीके से respond कर सके इसमें ये ज्यादा involve रहता है self learning algorithms create करने में
AI हमेशा किसी problem का optimal solution ढूंडने में यकीन रखता है वहीँ ML किसी problem का कोई भी solution चाहे वो optimal हो या न हो ढूंडने में यकीन रखता है
AI आखिर में intelligence और wisdom की और lead करता है वहीँ ML (Machine Learning) knowledge की और lead करता है

What is the Difference Between Machine Learning and Traditional Programming?

1.  Traditional Programming: यहाँ पर हम machine में DATA(Input) + PROGRAM (logic) feed करते हैं, machine को चलाने के लिए और आखिर में हमें हमारे Data और program के अनुसार ही output मिलता है.

2.  Machine Learning : वहीँ यहाँ पर हम machine में DATA(Input) + Output feed करते हैं, और इसे run करने पर machine training के दोरान खुद के program(logic) develop करती है, जिसे बाद में testing करने के दोरान evaluate किया जा सकता है.

Advantage of Machine Learning

  • वर्तमान समय में मशीन लर्निंग का इस्तेमाल अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है. जिसमें वित्तीय क्षेत्र, स्वास्थ्य, रिटेल, सोशल मीडिया, रोबोट, ऑटोमेशन तथा गेमिंग एप्लीकेशन आदि शामिल है.
  • क्या आपको पता है? दैनिक जीवन में हम सोशल मीडिया का इस्तेमाल कई बार करते हैं. जिसमें मशीन लर्निंग का उपयोग होता है. फेसबुक तथा गूगल द्वारा मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से यूज़र्स को उनके पिछली सर्च एक्टिविटी के आधार पर Relevant Ads Show किये जाते हैं. तथा यूट्यूब पर विडियों परिणाम भी इससे प्रभावित होते हैं.
  • यह तकनीक समय की बचत तथा सीमित संसाधनों (Resources) में भी बेहतर परिणाम प्रस्तुत करती है.
  • अनेक Sources प्रोग्राम मशीन लर्निंग द्वारा विभिन्न एप्लीकेशन के एल्गोरिद्म की उपयोगिता को बढ़ाने में मदद करते हैं.
  • गतिशील तथा अनुकूल परिस्थतियाँ न होने पर भी यह बहुआयामी या बहु-विविधता डेटा को सँभालने की क्षमता रखती है.

इस तरह हम कह सकते हैं कि 1990 का दशक मशीन लर्निंग के लिए सुनहरा युग था.



Disadvantages of Machine Learning

  • किस एक्शन को कब तथा किन परिस्थितियों में लेना है यह जाँचने के लिए विभिन्न मशीन लर्निंग तकनीकों को जानना आवश्यक है.
  • मशीन लर्निंग की प्रभावशीलता को जाँचने या निर्धारित करने के लिए इससे प्राप्त होने वाले परिणामों की व्याख्या करना चुनौतीपूर्ण कार्य है.
  • मशीन लर्निंग में अधिक समय की माँग तथा समय-समय पर अपडेट की आवश्यकता होती है. तथा प्रत्येक क्षेत्र में इसका उपयोग करना सरल नहीं होता.
  • वैज्ञानिकों द्वारा मशीन लर्निंग के उच्च स्तर की खोज की जाने लगी है.


Future Of Machine Learing

ML का भविष्य काफी सुनहरा होने वाला है। आने वाला समय AI ओर ML का होगा। अभी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग विकास के दौर में चल रही है तो यह संभावना बहुत ज्यादा है कि भविष्य में इसे और ज्यादा बेहतर बनाने और इस पर ज्यादा खोजें होंगी। इन खोजों के बल पर नई-नई मशीनों का अविष्कार होगा। मशीन लर्निंग के सहारे कई तरह की रोबोटिक्स मशीनें बनेंगी जो दुनिया को बदलने में सक्षम होंगीं।



कंप्यूटर विज्ञान में मशीन लर्निंग अब सबसे लोकप्रिय विषयों में से एक है। डिजिटल, बिग डेटा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन और मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकियां उत्तरोत्तर काम और नौकरियों के भविष्य को आकार दे रही हैं। कुछ एडवांस्ड देश जैसे चाइना आदि में मशीन लर्निंग का प्रयोग बहुत ज्यादा हो रहा है। वहां रोबोट को ही सेना में सैनिक बनाने और रोबोट को ही रेस्टोरेंट में वेटर बनाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में संभावना है कि दुनिया भर में मशीनों का प्रयोग बहुत बढ़ जाएगा और आपको आम जनजीवन में रोबोट काम करते दिखेंगे। जैसा कि आपने टेक्नोलोजी फिक्शन मूवीज में देखा है।



तो यह मानना गलत नहीं है कि आने वाला दौर ही मशीन लर्निंग का है। तो अगर आप मशीन लर्निंग में करियर बनाने या फिर कोई अन्य प्रोजेक्ट करना चाहते हैं तो इससे बेहतर विकल्प कोई और नहीं होगा।

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Quote

"Educationists should build the capacities of the spirit of inquiry, creativity, entrepreneurial and moral leadership among students and become their role model."

Dr. Abdual Kalam